
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने 407 रन का टारगेट दिया था। इसके जवाब में टीम इंडिया ने 5 विकेट खोकर 334 रन बनाए। यह मैच भले ही ड्रॉ पर समाप्त हुआ हो, लेकिन चोट से जूझ रही टीम इंडिया के लिए यह कोई जीत से कम नहीं है।
इस टेस्ट में भारत के 4 खिलाड़ी चोटिल थे- ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन। इसके बावजूद टीम ने लड़कर मैच ड्रॉ कराया। साथ ही यही चोटिल खिलाड़ी मैच के हीरो भी बने। जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 4 विकेट चटकाए थे। साथ ही पहली पारी में बल्लेबाजी के दौरान 37 बॉल पर 28 रन बनाकर नाबाद रहे थे।

जडेजा का अंगूठा टूटा फिर भी बल्लेबाजी करने को तैयार थे
पहली पारी में ही बैटिंग के दौरान उनके बाएं अंगूठे पर मिचेल स्टार्क की बॉल आकर लगी। इसके बाद स्कैन कराया गया, जिसमें अंगूठे में फ्रैक्चर पाया गया। उन्हें फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले 2 टेस्ट से बाहर कर दिया गया, लेकिन तीसरे टेस्ट से बाहर नहीं किए गए। उन्होंने भारत की दूसरी पारी के दौरान टूटे अंगूठे के साथ पैड और ग्लव्स भी पहन लिए थे। हालांकि, उनकी बैटिंग नहीं आई।

कमिंस का बाउंसर पंत की कोहनी पर लगा
भारत की पहली पारी में ऋषभ पंत को बैटिंग के दौरान पैट कमिंस का बाउंसर कोहनी पर लगा। वे दर्द से कराह रहे थे। इसके बावजूद वे बैटिंग करते रहे। इस दौरान उन्हें पेन किलिंग स्प्रे दिया गया था। एल्बो बैंडेज भी लगाया गया। वे पहली पारी में 36 रन बनाकर आउट हुए।

विकेटकीपिंग नहीं की, बल्लेबाजी में बिखेरा जलवा
इसके बाद उनके कोहनी का स्कैन कराया गया, लेकिन सबकुछ ठीक-ठाक था। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में बल्लेबाजी के दौरान वे विकेटकीपिंग करने नहीं उतरे। दूसरी पारी में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी ऋद्धिमान साहा ने संभाली। ऐसा लग रहा था कि वे भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने नहीं आ पाएंगे, लेकिन चोटिल होने के बावजूद उन्होंने नेट्स में प्रैक्टिस की।

पंत ने मैच की सूरत बदली
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर अभी तक किसी टीम ने 288 से ज्यादा रन चेज नहीं किए थे। 407 रन का पीछा कर रही टीम इंडिया ने चौथे दिन 2 विकेट गंवा दिए थे। ऐसा लग रहा था कि टीम पांचवें दिन मैच बचा पाएगी या नहीं। भारत की दूसरी पारी में पांचवें दिन कप्तान रहाणे के जल्दी आउट होने के बाद ऋषभ पंत चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और मैच की सूरत ही बदल दी।

नर्वस-90 में आउट हुए पंत, 82 का रहा स्ट्राइक रेट
उनके बल्लेबाजी के वक्त ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया यह मैच जीत जाएगी। वे 118 बॉल पर 97 रन बनाकर आउट हुए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 82.20 का रहा। उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर टारगेट चेज करते हुए चौथे विकेट के लिए सबसे भारत की सबसे बड़ी साझेदारी कर डाली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 148 रन की पार्टनरशिप की।

पंत का ऑस्ट्रेलिया में बैटिंग एवरेज 56.88 का
पंत का ऑस्ट्रेलिया में बैटिंग एवरेज 56.88 का है। ऑस्ट्रेलिया में 200 से ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में पिछले 60 साल में पंत का बैटिंग एवरेज सबसे ज्यादा है। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर उनकी बल्लेबाजी औसत 146 की है। 2018 में इसी ग्राउंड पर उन्होंने 159 रन की पारी खेली थी।

संकटमोचक बनकर आए विहारी और अश्विन
उनके आउट होते ही पुजारा भी आउट हो गए। 5 विकेट गंवा टीम इंडिया मुश्किल में दिख रही थी। ऐसे में पूरी जिम्मेदारी हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन पर आ गई। टूटे अंगूठे के साथ जडेजा इसके बाद बल्लेबाजी करने आते। हालांकि, विहारी और अश्विन ने यह नौबत नहीं आने दी।
साढ़े 3 घंटे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना किया
दोनों ने लगभग साढ़े 3 घंटे मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और टेस्ट में वर्ल्ड नंबर-1 बॉलर पैट कमिंस जैसे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना किया। यह वही बॉलिंग लाइन अप है, जिसने पहले टेस्ट में टीम इंडिया को 36 रन पर ऑल आउट कर दिया था।

हैमस्ट्रिंग से जूझ रहे थे विहारी
बैटिंग के विहारी के हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया। फीजियो भी बुलाए गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दर्द के साथ बल्लेबाजी करते रहे। उन्होंने दौड़ने में भी परेशानी हो रही थी। सोमवार को खेले गए 97 में से 27 ओवर वे मैदान पर गेंदबाजों का सामना करते रहे।

पांचवीं सबसे धीमी पारी
विहारी ने 161 गेंद पर 23 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 14.28 का रहा। पारी में सौ या उससे ज्यादा गेंद खेलने के बाद स्ट्राइक रेट के लिहाज से ये किसी भारतीय की पांचवीं सबसे धीमी पारी थी। इस लिस्ट में यशपाल शर्मा टॉप पर हैं। शर्मा ने 1981 में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ एडिलेड में 157 गेंद खेलकर 13 रन बनाए थे।
अश्विन के कमर में चोट लगी, फिर भी खेलते रहे
स्टार्क, कमिंस और हेजलवुड की बॉल अश्विन के कमर में लगी। इसके बाद वे भी दर्द से कराहते दिखे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उन्हें शॉर्ट बॉल फेंकते रहे और वे उसका सामना करते गए। दर्द में रहने के बावजूद उन्होंने अकेले 21 ओवर (128 गेंद) ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डट कर सामना किया।

अश्विन-विहारी ने 90 में से 43 ओवर बल्लेबाजी की
अश्विन और विहारी ने 259 गेंदों में 62 रन की नाबाद पार्टनरशिप की। यह छठवें विकेट के लिए गेंद के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टनरशिप रही। इस जोड़ी ने न केवल मैच बचाया, बल्कि भारतीय दर्शकों को विश्वास दिलाया कि विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों की गैरमौजूदगी में भी टीम अच्छा कर सकती है।
ऑस्ट्रेलिया के काम नहीं आया मैदान के बाहर डर्टी गेम
सिडनी टेस्ट में लगातार दो दिन मंकीगेट विवाद हुआ। टेस्ट के चौथे दिन भी भारतीय बॉलर मो. सिराज पर दर्शकों ने नस्लभेदी टिप्पणी की। बाउंड्री के करीब बैठे दर्शकों की एक टोली लगातार सिराज को ब्राउन मंकी और बिग डॉग बोल रही थी। ऑस्ट्रेलिया की यह स्ट्रैटजी भी काम नहीं आई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस घटना पर टीम इंडिया से माफी मांगनी पड़ी।
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